ISHQ HINDI SHAYARI


फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल, इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है…
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“मैं भी हुआ करता था वकील इश्क वालों का कभी….
नज़रें उस से क्या मिलीं आज खुद कटघरे में हूँ….”
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इश्क है वही जो हो एक तरफा;
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है;
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ;
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
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मेरे इश्क़ से मिली है ,,
तेरे हुस्न को ये शौहरत ,
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था
मेरी दीवानगी से पहले ,,
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कुछ तो शराफत सीख ले, ऐ इश्क़ शराब से………..!!
बोतल पे लिखा तो होता है, मैं जानलेवा हूँ………….!!
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बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर,
ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है.
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बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई..
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इश्क की गहराईयों में.. खूबसूरत क्या है..!!
एक मैं हूँ, एक तुम हो और ज़रुरत क्या है..!!
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खतम हो गई कहानी, बस कुछ अलफाज बाकी हैं;
एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी याद बाकी है



नयनों से नैन मिलाकर, महोब्बत का इजहार करूँ
बन कर ओस की बुँदे., जिन्दगी तेरी गुलजार करूँ
संवर जाएगी तेरी मेरी जिन्दगी, इश्क के सफर में
थाम ले तू हाथ मेरा, मैं तेरे हर वादे पे ऐतबार करूँ
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ऐ इश्क मुझे अब और जख्म चाहिये…!!
मेरी शायरी मे अब वो बात नही रही…!!
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इश्क सूफी है ना मुफ्ती है ना आलीम है
ये जालीम है बहूत जालीम है फकत जालीम है
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इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है
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खूबसूरत मैं नहीं ये तुम्हारा इश्क़ है…
जो नूर बनकर मेरी आँखों से छलकता है….
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नादानियाँ झलकती हैं अभी भी मेरी आदतों से..!!
मैं खुद हैरान हूँ के मुझे इश्क़ हुआ कैसे….!!!!
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प्यार का पहला इश्क़ का दूसरा मोहब्बत का तीसरा अक्षर अधूरा होता है
इसलिए हम तुम्हे चाहते है क्योंकि चाहत का हर अक्षर पूरा होता है ।?
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होशवालों को खबर क्या…
बेखुदी क्या चीज़ है…
इश्क कीजिये…फिर समझिये…
ज़िन्दगी क्या चीज़ है!

इन आँखो में कैद थे गुनाह ए इश्क कि सजा के बेहिसाब आंसु….
तेरी यादों ने आकर उनकी जमानत कर दी….
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जरुरी तो नहीं, हर चाहत का मतलब इश्क हो,
कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए भी…
दिल बेचैन हो जाता है…!!!!
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कत्ल किया था जिसने मेरी मासूम मुहब्बत का
वो बा-इज़्ज़त बरी है
और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये
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इश्क़ तो साहब यूं ही मुफ़्त में
बदनाम है
हुस्न खुद बे-ताब रहता है जलवा
दिखाने के लिए l
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गलत सुना था कि,इश्क़ आँखों से होता हे
दिल तो वो भी ले जाते है,जो पलके तक नही उठाते हे
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इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में होते होंगे,
पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं….!!!!

कितनी मासुम है दिल की
ख्वाहिश…….
इश्क भी करना चाहता है और
खुश भी रहना चाहता है…..!
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तेरी बातों में जिक्र मेरा….मेरी बातों में जिक्र तेरा….अजब सा ये इश्क हैं….ना तु मेरी ना मैं तेरा ♡♡
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वो कहते है भूल जाओ पुरानी बातों को…..
कोई उसे समझाये कि इश्क़ कभी पुराना नहीं होता..||||
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खतम हो गई कहानी, बस कुछ अलफाज
बाकी हैं,,
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एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी याद बाकी है,,
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इश्क़ पाने की तमन्ना में कभी कभी ज़िंदगी…
….
खिलौना बन जाती है…
….
जिसे दिल में बसाना चाहते हैं वो सूरत
….
सिर्फ याद बन जाती है…..!!
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ना आह सुनाई दी ना तड़प दिखाई दी….!!
बर्बाद हो गए तेरे इश्क में हम बड़ी खामोशी के साथ….!!
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दिल इश्क से
बंधा हुआ एक
जिद्दी परिंदा है !
उम्मीदों से ही घायल है
उम्मीदों पर ही जिंदा !!
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हुस्न की मल्लिका हो या साँवली सी सूरत…!!
इश्क अगर रूह से हो तो हर चेहरा कमाल लगता है…!!

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