हम जीते एक बार है , मरते एक बार हैं , प्यार एक बार होता है , और शादी भी एक ही बार होती है , तो ये exam बार बार क्यों ?
वो मुड़ मुड़ के देख रहे थे हमें, हम मुड़ मुड़ के देख रहे थे उन्हें, वो हमें, हम उन्हें, हम उन्हें, वो हमें, क्योंकि परीक्षा में … न उन्हें कुछ आता था, न हमें !
exam के 4 दिन पहले सिलेबस देखा तो याद आया , कुछ तो हुआ है , कुछ हो गया है , exam के दिन पेपर देख कर याद आया , सब कुछ अलग है सब कुछ नया है .
लड़के का पिता अपने लड़के को बेदम मार रहा था… पडोसी: क्यों मार रहे हो इतना, क्या हुआ?? लड़के का पिता: कल सुबह इसका परीक्षा का रिजल्ट आनेवाला है… भाई मैं कल अपने गाँव जा रहा हूँ…
अभी तो exam का साया है , exam के दिनों में सुख किसने पाया है , दुनियाँ वाले कहते हैं अच्छे नंबर लो , पर इन्हें कौन समझाये ये तो मोह माया है .
स्टूडेंट के दिलों की आवाज : जिन्दगी का रुख मोड़ देंगे , सारी बन्दिस तोड़ देंगे , ये सेमेस्टर जैसे तैसे निकल जाये , अगले सेमेस्टर में तो पक्का रिकॉर्ड तोड़ देंगे .
हकीकत exam की रुसवाई होती है , कभी section A तो कभी B में बेवफाई होती है , 5 questions की तरफ कदम बढाकर देखो तो , 2 में ही औकात दिखाई देती है .
मैं सिर्फ ये सोच कर पेपर खाली दे आता हु , कि कहीं टीचर ये ना कहे , ये तो बड़ो को जवाब देता है .
बायोलॉजी के टीचर- सेल मतलब शरीर की कोशिकाएं… फिजिक्स केे टीचर- सेल मतलब बैटरी… इकॉनॉमिक के टिचर- सेल मतलब बिक्री…. हिस्ट्री के टीचर- सेल मतलब जेल…. अंग्रेजी के टीचर- सेल मतलब मोबाइल जिस स्कूल में पाँच शिक्षक.. एक शब्द पर एकमत नहीं हैं।
उस स्कूल में पढ़ कर हमें क्या मिलेगा? माँ बच्चे से: तू पूरा साल नहीं पढता और Exams आते ही किताबों में लग जाता है, क्यों?.. बच्चा: क्योकीं लहरों का सुकून तो सभी को पसंद है, लेकिन तुफानो में किश्ती निकालने का मजा ही कुछ और है। माँ: “इधर आ.. तुझे मैं बनाती हूँ “टाइटैनिक का ड्राईवर”
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